दूध हर घर की बुनियादी ज़रूरत है। सुबह से लेकर रात तक भारतीय घरों में दूध का इस्तेमाल चाय, कॉफ़ी, दही, मिठाई और बच्चों की डाइट में लगातार होता है। यही वजह है कि दूध की कीमतों पर हर परिवार की नज़र रहती है। सितंबर 2025 में दूध के रेट में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली है। दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे बड़े शहरों में दूध की नई दरें लागू हो चुकी हैं।
दिल्ली-एनसीआर (Mother Dairy)
दिल्ली-एनसीआर में दूध सप्लाई करने वाली बड़ी कंपनी Mother Dairy ने अप्रैल 2025 से अपने दाम बढ़ा दिए हैं।
टोंड मिल्क पाउच की कीमत ₹56 से बढ़कर ₹57 प्रति लीटर हो गई है।
फुल क्रीम मिल्क की कीमत अब ₹69 प्रति लीटर है।
डबल टोंड मिल्क ₹51 प्रति लीटर में मिल रहा है।
गाय का दूध ₹59 प्रति लीटर तक पहुँच गया है।
लूज़ (बुल्क वेंडेड) दूध की कीमत ₹56 प्रति लीटर तय की गई है।
Mother Dairy का कहना है कि यह बढ़ोतरी उत्पादन लागत, चारे की महंगाई और ट्रांसपोर्टेशन खर्चों की वजह से की गई है।
मुंबई
मुंबई में भी दूध की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। भैंस के दूध की थोक दर अब ₹91 प्रति लीटर हो गई है, जो पहले ₹89 थी।
रिटेल बाज़ार में इसकी कीमत ₹100 से ₹110 प्रति लीटर तक पहुँच सकती है।
महाराष्ट्र दूध उत्पादक संघ का कहना है कि किसानों को सही दाम देने और महंगाई को कवर करने के लिए यह बढ़ोतरी ज़रूरी थी।
क्यों बढ़ रहे हैं दूध के दाम?
दूध की कीमतें बढ़ने के कई बड़े कारण हैं –
पहला, पशुओं के चारे की कीमत लगातार बढ़ रही है।
दूसरा, ट्रांसपोर्टेशन और बिजली खर्च पहले से ज़्यादा हो गए हैं।
तीसरा, दूध उत्पादन करने वाले किसानों को उचित दाम दिलाने के लिए भी कंपनियाँ कीमतें बढ़ा रही हैं।
इसी वजह से हर कुछ महीनों में दूध के रेट बढ़ जाते हैं।
असर ग्राहकों पर
दूध की कीमतें बढ़ने का सीधा असर हर परिवार की जेब पर पड़ता है।
एक औसत परिवार रोज़ाना 2 से 3 लीटर दूध खरीदता है।
कीमत बढ़ने से महीने का खर्च ₹200 से ₹300 तक बढ़ सकता है।
इसका असर मिठाई बनाने वाली दुकानों, होटल-रेस्तरां और डेयरी उत्पादों पर भी पड़ता है।
निष्कर्ष
आज के समय में दिल्ली-एनसीआर और मुंबई जैसे बड़े शहरों में दूध के रेट ₹51 से लेकर ₹110 प्रति लीटर तक पहुँच चुके हैं। आने वाले दिनों में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
दूध सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि हर परिवार की रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है। इसी वजह से दूध की कीमतों पर हर किसी की नज़र बनी रहती है।